सुबह आती है रात जाती है वक्त चलता ही रहता है रुकता नही इक पल में ये आगे निकल जाता है आदमी ठीक से देख पाता नही और पर्दे पे मंजर बदल जाता है.

सुबह आती है रात जाती है वक्त चलता ही रहता है रुकता नही इक पल में ये आगे निकल जाता है आदमी ठीक से देख पाता नही और पर्दे पे मंजर बदल जाता है.


 

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